सामान्य नेत्र सतह स्थितियों का प्रभावी प्रबंधन: नेत्र संबंधी एलर्जी पर एक स्पॉटलाइट।
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नया अंक अब जारी हो गया है और इसमें आँखों की सतह पर असर डालने वाली स्थितियों जैसे ड्राई आई, ऑक्यूलर एलर्जी और केराटोकोनस पर गहन लेख शामिल हैं। इनमें से कई समस्याएं, जैसे ड्राई आई और एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस, सामान्यतः भारी दृष्टि हानि का कारण नहीं बनतीं, फिर भी ये ऐसी समस्याएं हैं जिनके कारण अधिकांश मरीज़ आँखों का इलाज करवाने आते हैं। हल्के मामलों में भी असुविधा हो सकती है और मरीज़ के जीवन की गुणवत्ता पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। यदि इनका समय पर इलाज न किया जाए, तो ये स्थितियाँ स्थायी कॉर्नियल बदलाव और दृष्टि हानि का कारण बन सकती हैं।
यह अंक ड्राई आई डिज़ीज़ जैसी स्थितियों के प्रबंधन के लिए व्यवहारिक और अद्यतन मार्गदर्शन प्रदान करता है, जो 5% से 50% लोगों को प्रभावित कर सकता है और निरंतर जलन का कारण बन सकता है। ऑक्यूलर एलर्जी अक्सर तेज़ खुजली और सूजन का कारण बनती है, जो कि बच्चों और कुछ वयस्कों के लिए अत्यंत परेशान करने वाली हो सकती है और कभी-कभी सामाजिक दूरी या स्कूल न जा पाने का कारण भी बनती है। यह अंक केराटोकोनस पर भी जानकारी देता है, जिसमें कॉर्निया का धीरे-धीरे पतला होना शामिल है। यह समस्या बार बार आँख मलने और अनुपचारित नेत्र की एलर्जी के कारण हो सकती है। इस बीमारी के इलाज में कॉर्नियल क्रॉस-लिंकिंग जैसे उपचार शामिल हैं।
इस फ्लायर के बारे में: ऑक्यूलर एलर्जी के उपचार के लिए एक त्वरित मार्गदर्शिका
यह पर्चा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए ऑक्यूलर एलर्जी के प्रबंधन में एक त्वरित संदर्भ मार्गदर्शिका है। इसमें मरीज़ों को शिक्षित करने, जटिलताओं को रोकने और उचित देखभाल सुनिश्चित करने के उपयोगी सुझाव दिए गए हैं। अगले पृष्ठ पर ऑक्यूलर एलर्जी का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने के लिए एक विस्तृत मार्गदर्शिका दी गई है।
ऑक्यूलर एलर्जी/आँखों की एलर्जी एक व्यापक शब्द है जो आँखों की सतह पर एलर्जन और प्रदूषकों के कारण होने वाली विभिन्न प्रकार की एलर्जिक सूजन को दर्शाता है, जिसमें मुख्यतः कंजंक्टिवा और/या कॉर्निया शामिल हैं। ज़्यादातर यह खुजली, लालिमा और पानी आने जैसे लक्षणों के साथ किन्ही ऋतुओं में दिखाई देती है या पूरे साल बनी रह सकती है। ऑक्यूलर एलर्जी अधिकतर गर्म, शुष्क और धूलभरे क्षेत्रों में देखने को मिलती है। इसका खास असर बच्चों और युवाओं पर पड़ता है, जिससे वे सामाजिक गतिविधियों से दूर हो सकते हैं और उनकी पढ़ाई में भी बाधा आ सकती है। एलर्जी के कारण आँखों को बार-बार मसलने से केराटोकोनस जैसी समस्या हो सकती है, इसलिए इस स्थिति को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है ताकि लंबे समय तक दृष्टि हानि जैसी जटिलताओं से बचा जा सके।
लक्षण और संकेत
हल्की ऑक्यूलर एलर्जी (केवल कंजंक्टिवा को प्रभावित करती है):
• खुजली
• पानी आना
• लालिमा
• हल्की कंजंक्टिवल सूजन (फफोले जैसी)
• रोशनी के प्रति संवेदनशीलता
गंभीर ऑक्यूलर एलर्जी (कॉर्निया भी प्रभावित होती है):
• पलक के अंदर बड़े पत्थर जैसी दिखने वाली पपिल्ले
• कॉर्निया के किनारे पर सूजन (सफेद गांठों के साथ)
• पलक के अंदर के उभारों से कॉर्निया को नुकसान होने पर शील्ड अल्सर (फुला होने) का खतरा
निदान के सुझाव
• मरीज़ का इतिहास: एलर्जन के संपर्क, मौसमी पैटर्न और परिवार में एलर्जी के इतिहास के बारे में पूछें।
• जांच: आँखों में लालिमा, सूजन और पानी आने की स्थिति देखें।
• अन्य स्थितियों से अंतर करना:
– दृष्टि हानि या दर्द होना (ये अधिक गंभीर स्थितियों के संकेत होते हैं)
– साफ पानी जैसा स्राव या गाढ़ा, रंगीन स्राव (संक्रमण का संकेत)
– ड्राई आई सिंड्रोम में आमतौर पर खुजली नहीं होती।
प्रबंधन और उपचार
गैर-चिकित्सीय उपाय
• ज्ञात एलर्जनों से बचें
• सूजन और खुजली को कम करने के लिए ठंडे पानी की पट्टी लगाएं
• आँखों से एलर्जन को साफ करने के लिए कृत्रिम आँसू (आई ड्रॉप्स) का उपयोग करें
चिकित्सीय उपचार
• एंटीहिस्टामिन आई ड्रॉप्स: खुजली और लालिमा से राहत
• मौखिक एंटीहिस्टामिन: संपूर्ण एलर्जी के प्रबंधन के लिए
• मास्ट सेल स्टेबलाइजर्स या स्टेरॉइड आई ड्रॉप्स: गंभीर मामलों के लिए
रेफरल के लिए चेतावनी संकेत
गैर-चिकित्सीय उपाय
• तेज़ दर्द या अचानक दृष्टि हानि
• ओवर-द-काउंटर (बिना पर्ची के मिलने वाले) उपचार से कोई सुधार न होना
• गाढ़ा, रंगीन स्राव जो संक्रमण का संकेत हो सकता है
• पूरे शरीर में एलर्जी की बीमारियों का इतिहास (जैसे, अस्थमा, डर्मेटाइटिस)
महत्वपूर्ण सलाह
• मरीज़ों को आँख मसलने से रोकें ताकि केराटोकोनस और दृष्टि हानि से बचाव हो सके।
• मरीज़ों को यह जानकारी दें कि लगातार या बिना इलाज की एलर्जी गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है।
अनुवर्ती देखभाल
उचित देखभाल सुनिश्चित करने और रोगी की जटिलताओं को रोकने के लिए लंबे समय से बीमार रोगियों की लगातार अनुवर्ती निगरानी को प्रोत्साहित करें।