डायबिटिक रेटिनोपैथी (DR) के कारण होने वाली दृष्टि हानि की रोकथाम
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डायबिटीज और DR सेवाओं के बीच संपर्क और परामार्श बहुत महत्वपूर्ण हैं।
डायबिटीज में, जब रक्त शुगर का स्तर बढ़ जाता है, तो रेटिना में कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, आँखों में विभिन्न प्रकार के बदलाव हो सकते हैं, जिन्हें हम सामूहिक रूप से ‘डायबिटिक रेटिनोपैथी’ (DR) कहते हैं। इस रोग का परीक्षण आँखों के विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा किया जाता है। यदि इस स्थिति का समय पर परीक्षण और इलाज ना किया जाए तो यह अंधेपन का कारण भी बन सकता है।
किसी भी DR कार्यक्रम का केंद्र, हमेशा डायबिटीज वाले व्यक्ति और DR के कारण होने वाले दृष्टि की समस्या की रोकथाम की ओर होना चाहिए।
मरीजो को मधुमेह देखभाल की केंद्र बिंदु में रखना : एक समर्पित स्वास्थ्य सेवा पेशेवर की एक महत्वपूर्ण भूमिका यह है कि डायबिटीज के रोगियों को सबसे अच्छी देखभाल मिले।
रोगियों का मार्गदर्शन :
याद रखें, रोगी हमेशा हमारे प्रयासों का केंद्र होना चाहिए। डायबिटीज की देखभाल प्रक्रिया में रोगी को विभिन्न चरणों से गुज़रना होता है, अपने डायबिटीज का प्रबंधन करने से लेकर आँख की जांच कराने और जरूरत होने पर उपचार प्राप्त करने तक। उन्हें इस सफर को प्रभावी तरीके से निर्देशित करने में आपका समर्थन महत्वपूर्ण है।
रोगियों का मार्गदर्शन :
आपकी भूमिका में यह महत्वपूर्ण है कि आप रोगियों को नियमित रूप से आंख की जांच के महत्व के बारे में समझाएं। इस बात पर ज़ोर दें की दृष्टि की हानि को रोकने में इन जांचों का क्या महत्व है। साथ ही, रोगियों को उनकी विशिष्ट आवश्यक्ताओं के आधार पर स्क्रीनिंग स्थल की ओर मार्गदर्शित करें, चाहे वो डायबिटीज क्लिनिक के अंदर हो या किसी अन्य स्वास्थ्य सुविधा में।
उन्नत तकनीक का उपयोग :
अब हम डिजिटल कैमरों का उपयोग करके आंखों की जांच करते हैं, और यह काम संसाधन-सीमित स्थितियों में भी हो सकता है। इस संदर्भ में, विभिन्न प्रकार के कैमरे की समझ, उनकी देखभाल कैसे करनी है, और उच्च गुणवत्ता वाली आंखों की तस्वीरें कैसे खींचनी है इसकी जानकारी भी रखें।
परिणामों कि व्याख्या करना :
रेटिना की छवियों को खींचने करने के बाद, मधुमेह से संबंधित आंखों की जटिलताओं के लक्षणों के लिए उनका मूल्यांकन किया जाता है, और स्थापित वर्गीकरण प्रणालियों का उपयोग करके उन्हें वर्गीकृत किया जाता है। यह ग्रेडिंग यह निर्धारित करती है कि मरीजों को आगे की जांच के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास भेजने की आवश्यकता है या नहीं।
रोगियों को सूचित रखना :
जब संभव हो, तब स्क्रीनिंग के परिणामों को तुरंत मरीज़ से साझा करें, खासकर अगर आपको उन्हें मूल्यांकित करने का प्रशिक्षण है। यदि ग्रेडिंग बाद में होती है, तो रोगियों के साथ परिणामों को सक्रिय रूप से संवादित करें।
जब डायबिटिक रेटिनोपैथी (DR) का पता लगता है, तो यह सुनिश्चित करें कि रोगी पूर्ण जांच के लिए आँखों के अस्पताल जाने का महत्व पूरी तरह से समझ गए हैं। DR के साथ जुड़े खतरों को स्पष्ट करें और क्लिनिक /अस्पताल के स्थान के बारे में विस्तृत जानकारी दें।
उपचार और रोगी की सहमति :
यदि किसी रोगी को उपचार की आवश्यकता होती है, तो उन्हें सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करना और उनकी सहमति प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। क्योंकि DR उपचार में आमतौर पर कई सत्र शामिल होते हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि रोगियों को इसकी जानकारी पहले ही दे दी जाए, ताकि वे आवश्यक्तानुसार समय पर अस्पताल जाने की योजना बना सकें।
प्रमुख सामुदायिक नेत्र स्वास्थ्य संदेश
डायबीटिक रेटिनोपैथी (DR) और इसके जोखिम कारक
• डायबिटिक रेटिनोपैथी डायबिटीज के कारण होने वाली एक आँख सम्बन्धी बीमारी है, जिसमे आँख का पर्दे (Retina) की रक्तवाहिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं।
• DR दोनों आँखों को प्रभावित कर सकता है, और अगर इसका उपचार नहीं किया जाए, तो आँखों की रोशनी कम हो सकती है।
• DR होने के प्रमुख कारणों में उच्च ब्लड शुगर का स्तर, अनियंत्रित रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर शामिल हैं।
डायबिटिक रेटिनोपैथी के चरण
• समय के साथ, अनियंत्रित ब्लड शुगर स्तर रेटिना की रक्त वाहिकाओं में असामान्य वृद्धि या रुकावट का कारण बन सकती है ।
• ऑक्सीजन (Oxygen) का प्रवाह कम होने के कारण रेटिना में असामान्य वाहिका की वृद्धि होने लगती है, जिसके परिणामस्वरूप रेटिना में घाव हो सकता है और रेटिना पिछले हिस्से से अलग भी हो सकता है।
• मैक्युला (Macula) में द्रव/ पानी जमा होने के कारण उसमे सूजन आ जाती है, जिसके कारण आँखों की दृष्टि धुंधली हो जाती है।
• बाद के चरणों में, अपरिवर्तनीय क्षति गंभीर अवस्था तक पहुंच सकती है और अंधेपन का कारण बन जाती है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी का जांच एवं उपचार
• DR में अक्सर कोई प्रारंभिक लक्षण नहीं होते हैं, रोग जब तक उन्नत अवस्था में न पहुँच जाए तब तक इसके लक्षण नहीं दिखते और इसी कारण संभावित रूप से दृष्टि में अपरिवर्तनीय क्षति और अंधापन हो सकता है।
• DR के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने के लिए वार्षिक पर्दे की जांच महत्वपूर्ण है, जिससे समय पर हस्तक्षेप करके गंभीर दृष्टि हानि को रोकने में मदद मिल सकती है।
• रोगी DR को हमेशा रोक नहीं सकते। हालांकि, नियमित रूप से आंखों की जांच, अपने ब्लड शुगर के स्तर का अच्छा कंट्रोल और दृष्टि समस्याओं के लिए शुरुआती हस्तक्षेप गंभीर दृष्टि हानि को रोकने में मदद कर सकता है।
• DR का उपचार आम तौर पर दृष्टि को बनाए रखता है लेकिन पहले ही खोई हुई दृष्टि को बहाल नहीं कर सकता है।DR का उपचार काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि किस प्रकार की डायबिटिक रेटिनोपैथी हुई है। DR के कारण दृष्टि हानि के जोखिम वाले लोग लेजर (Laser) थेरेपी, Anti-VEGF इंजेक्शन (सुई) उपचार, या विटेरोरेटिनल सर्जरी जैसे उपचार प्राप्त कर सकते हैं। उपचार का चुनाव रोग की अवस्था और अन्य व्यक्तिगत कारकों पर निर्भर करता है।